एपिसोड 1
Dada ji please kahani sunao ना koi super hero ki.
Aaa Dadaji kya super heros sach Me hote hai. वीर बेटा सुपर हेरोस होते है या नहीं होते है मुझे नहीं पता लेकिन प्राचीन समय मे कुछ ऐसी वस्तुए हुआ करती थी जो एक इंसान को सुपर हीरो जैसी शक्तियां देती थी उन वस्तुओ को पाकर कोई भी बहुत शक्ति शाली बन सकता था.उन वस्तुओ को अलग अलग देशो मे अलग अलग नमो से जाना जाता था | अपने देश मे उन्हें दिव्यास्त्र कहते थे |
ऐसा ही एक दिव्यास्त्र एक दिन एक चोर को मिलजाता है| उस दिव्यास्त्र का नाम पारस पत्थर था | उस चोर ने उसे मामूली हेरा समझ कर उठाने के लिए अपना हाथ बढ़ाया ही था की उसे जोरदार झटका लगता है और उसका हाथ उसके कमर से बंधे खंजर पर लग जाता है | वाह खंजर लोहे का था पर उसके छूते ही वाह सोने का बन जाता है | अपने खंजर को सोने का बनता देख उसे थोड़ी देर तक समझ नहीं आता की उसके साथ थोड़ी देर पहले क्या घटा पर जब वाह पारस पत्थर को अपन हाथ मे लेके कोई भी लोहे की वस्ती को हाथ लगता है यों वहा सोने की हो जाती है | यह जानकर कि उसके हाथ क्या लगाया है उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता | पर यही खुशी उसकी थोड़ी देर की थी क्युकी वहा दिव्यास्त्र की खोज करने वाली एक संस्था के लोग आजाता है और उससे वाह पारस पत्थर छीन लेता है | चोर उनका विरोध करता है तो उनमे से एक व्यक्ति जिसका नाम
अजय नागर होता है वहा अपना दिव्यास्त्र निकलता है और उस चोर के दो तुखड़े कर देता है यहाँ देखकर प्रिया (परियाली देशमुख ) उसपर बहोत गुस्सा करती है और कहती है की इसे मरना जरुरी नहीं था तो अजय नागर कहता है इसने दिव्यास्त्र की शक्ति देखली है और दिव्यास्त्र का रहस्य आम लोगो तक पहुंचने का डर था प्रिया कहती है अब इसका जवाब गुरूजी को देना |
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